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भजन - 1 प्रथम गुरु की वन्दना ( 3-4 पंक्तियाँ )

करुणामय निष्काम प्रेम प्रभुता से भक्त बनाने वाले , कल्कि की भक्ति वितरणकर आश की ज्योति जगाने वाले । अधर्म से थी घृणा सदा शुभप्रद उपदेश सुनाने वाले, मुझ जैसे विचलित प्राणी को अमर मार्ग में लाने वाले । निवेदन - ब्लाग पढ रहे सभी सज्जनों से निवेदन है कि इन पंक्तियों का धर्म सम्मत विश्लेषण करने की कृपा करें ।